Ayushman Bharat Yojana: जीवन की सबसे बड़ी राहत तब मिलती है जब इलाज का बोझ हल्का हो जाए। आम आदमी के लिए अस्पताल के भारी-भरकम खर्च हमेशा चिंता का कारण बने रहते हैं। लेकिन अब Ayushman Bharat Yojana के अंतर्गत आयुष्मान कार्डधारकों के लिए यह चिंता काफी हद तक कम हो गई है, क्योंकि सरकार ने योजना में बड़ा बदलाव करते हुए ओपीडी का खर्च भी शामिल कर दिया है। यह फैसला न केवल मरीजों के लिए आर्थिक सहारा बनेगा, बल्कि उनके इलाज को और आसान और सुलभ बना देगा।
सात साल पूरे होने पर डिजिटल सुविधाओं की सौगात
Ayushman Bharat प्रधानमंत्री जन आरोग्य Yojana के सात वर्ष पूरे होने पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कई नई डिजिटल सेवाओं की शुरुआत की। अब कार्डधारक घर बैठे ही अस्पतालों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और चिकित्सकों से ऑनलाइन अपॉइंटमेंट भी ले सकते हैं। इसके लिए आयुष्मान सारथी ऐप और आयुषी चैटबॉट जैसी तकनीकी सुविधाओं को शुरू किया गया है, जो मरीजों की मदद को और आसान बना देंगी।
आयुष्मान सारथी ऐप और चैटबॉट की भूमिका
Ayushman Bharat Yojana सारथी ऐप के माध्यम से लाभार्थी नजदीकी अस्पतालों और वहां की सुविधाओं की जानकारी पा सकेंगे। वहीं, एआई आधारित आयुषी चैटबॉट से वे योजना से जुड़े अपने सवाल पूछ सकते हैं। इसके अलावा आयुष्मान संपर्क कॉल सेंटर (180018004444) की मदद से लोग सीधे अस्पतालों के चिकित्सकों से अपॉइंटमेंट बुक कर पाएंगे।
ओपीडी सेवाओं पर मिलेगा लाभ
अब तक Ayushman Bharat Yojana में केवल भर्ती मरीजों का खर्च शामिल था, लेकिन नई सुविधा के तहत कार्डधारक सब्सिडी दर पर ओपीडी सेवाओं का लाभ भी उठा सकेंगे। अगर किसी मरीज को भर्ती होना पड़ता है, तो उसका ओपीडी खर्च भी योजना के अंतर्गत कवर किया जाएगा। इससे आम जनता को न सिर्फ बेहतर इलाज मिलेगा, बल्कि आर्थिक बोझ भी घटेगा।
Ayushman Bharat Yojana की बढ़ती पहुंच और उपलब्धियां
उत्तर प्रदेश में अब तक 5.38 करोड़ लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। प्रदेश में 6099 अस्पताल सूचीबद्ध हैं, जिनमें 2949 सरकारी और 2966 निजी अस्पताल शामिल हैं। इन अस्पतालों में अब तक 74.40 लाख से अधिक निःशुल्क उपचार किए गए हैं, जिन पर करीब 12,283 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि यह योजना लाखों परिवारों की जिंदगी में उम्मीद और भरोसा बन चुकी है।
Ayushman Bharat Yojana के अंतर्गत ओपीडी खर्च को शामिल किया जाना वास्तव में एक ऐतिहासिक कदम है। यह न केवल गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को राहत देगा, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुलभ बनाएगा। सरकार का यह प्रयास “सबका साथ, सबका विकास” की दिशा में एक और मजबूत कदम है।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न समाचार स्रोतों और सरकारी घोषणाओं पर आधारित है। पाठकों से निवेदन है कि किसी भी निर्णय से पहले आधिकारिक वेबसाइट या हेल्पलाइन नंबर 180018004444 से पुष्टि अवश्य करें।
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