PM Jan Dhan Yojana: भारत जैसे विशाल और विविधताओं से भरे देश में हर नागरिक को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ना एक समय पर असंभव सा लगता था। गाँवों में रहने वाले लोगों के लिए बैंक खाता खोलना किसी सपने से कम नहीं था। बहुत से परिवार अपनी मेहनत की कमाई को घर की अलमारी या संदूक में रखते थे, जबकि मज़बूरी में ज़रूरत पड़ने पर साहूकारों से ऊँचे ब्याज पर कर्ज़ लेना पड़ता था।
लेकिन 28 अगस्त 2014 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने PM Jan Dhan Yojana की शुरुआत की, तो इसने करोड़ों भारतीयों की ज़िंदगी में वित्तीय आज़ादी का नया द्वार खोला। आज इस योजना को 11 साल पूरे हो रहे हैं और इसका असर हर गली, हर गाँव और हर शहर में देखा जा सकता है।
गरीबों को मिला सम्मान और आत्मनिर्भरता का रास्ता

प्रधानमंत्री मोदी ने जब इस योजना की घोषणा की थी तो उन्होंने कहा था “यह केवल बैंक खाता खोलने की योजना नहीं, बल्कि गरीबों को गरिमा और आत्मनिर्भरता देने का अभियान है।”
आज जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं तो पाते हैं कि PM Jan Dhan Yojana ने वास्तव में करोड़ों परिवारों को वित्तीय असुरक्षा से बाहर निकालकर एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन की ओर बढ़ाया है। अब गाँव का किसान, मज़दूर, दिहाड़ी करने वाला और यहाँ तक कि घरेलू महिलाएँ भी अपने पैसों पर पूरा अधिकार रखती हैं।
अब हर घर से जुड़ा बैंक
शुरुआत में बहुत से लोगों को लगता था कि शायद यह योजना ज़्यादा आगे नहीं जाएगी, लेकिन आँकड़े बताते हैं कि यह भारत की सबसे सफल वित्तीय योजनाओं में से एक है।
2015 में जहाँ कुल 14 करोड़ खाते खुले थे, वहीं 2025 आते-आते यह संख्या 56 करोड़ से भी ज़्यादा हो गई। इनमें से लगभग 67% खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में खुले, जबकि 33% खाते शहरी इलाकों में।
सबसे गर्व की बात यह है कि इन खातों में से 56% महिलाएँ हैं। इसका मतलब यह है कि PM Jan Dhan Yojana ने महिलाओं की वित्तीय स्वतंत्रता की दिशा में भी क्रांतिकारी बदलाव लाया है।
जमा राशि और भरोसे का बढ़ता सफर
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मार्च 2015 में PM Jan Dhan Yojana खातों में जमा राशि सिर्फ ₹15,670 करोड़ थी।
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अगस्त 2025 तक यह बढ़कर ₹2.67 लाख करोड़ से अधिक पहुँच चुकी है।
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यह बदलाव साफ बताता है कि लोगों का भरोसा अब औपचारिक बैंकिंग व्यवस्था पर पहले से कहीं अधिक है।
डिजिटल इंडिया की रीढ़ बनी PM Jan Dhan Yojana
भारत आज जिस तरह डिजिटल पेमेंट्स में दुनिया का नेतृत्व कर रहा है, उसमें PM Jan Dhan Yojana की बड़ी भूमिका है। इस योजना के तहत अब तक 38 करोड़ से अधिक RuPay डेबिट कार्ड जारी किए जा चुके हैं।
इन कार्ड्स की मदद से लोग न सिर्फ पैसे निकाल सकते हैं बल्कि डिजिटल लेन-देन भी कर सकते हैं। सबसे खास बात यह है कि हर कार्ड में ₹2 लाख तक का दुर्घटना बीमा कवर भी शामिल है। इससे गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को वित्तीय सुरक्षा मिली है और नकदी पर निर्भरता कम हुई है।
महिलाओं और परिवारों का सशक्तिकरण
गाँवों और छोटे कस्बों की महिलाएँ पहले अपनी बचत घर के किसी कोने में छुपाकर रखती थीं। न तो वह सुरक्षित थी और न ही उस पैसे से कोई अतिरिक्त लाभ मिलता था। लेकिन PM Jan Dhan Yojana ने इन महिलाओं को न केवल बैंक से जोड़ा, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी भी बनाया।
आज महिलाएँ बैंक जाकर अपना पैसा निकालती हैं, डिजिटल भुगतान करती हैं और ज़रूरत पड़ने पर बीमा और पेंशन योजनाओं में भी निवेश करती हैं। इससे परिवारों की आर्थिक स्थिति मज़बूत हुई है और आने वाली पीढ़ियों को बेहतर भविष्य की नींव मिली है।
सरकारी योजनाओं से सीधा लाभ
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PM Jan Dhan Yojana खातों को अब 327 से अधिक सरकारी योजनाओं से जोड़ा गया है।
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गैस सब्सिडी, मनरेगा मज़दूरी, पेंशन और छात्रवृत्ति जैसी योजनाओं का पैसा अब सीधे लाभार्थियों के खाते में पहुँचता है।
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इस कदम ने भ्रष्टाचार और बिचौलियों की भूमिका को लगभग खत्म कर दिया है।
वित्तीय साक्षरता और नए अवसर
2025 में शुरू किए गए तीन महीने के Financial Outreach Campaign ने हर ग्राम पंचायत और शहरी निकाय तक पहुँचने का लक्ष्य रखा।
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इस दौरान लगभग 6.6 लाख नए खाते खोले गए।
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22.65 लाख लोगों ने बीमा और पेंशन योजनाओं में नाम दर्ज कराया।
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4.73 लाख खातों का KYC अपडेट हुआ।
यह दर्शाता है कि सरकार केवल खाता खुलवाने तक सीमित नहीं है, बल्कि लोगों को financially aware बनाने और सक्रिय खाता धारक बनाने पर भी जोर दे रही है।
Official Website for PM Jan Dhan Yojana: https://pmjdy.gov.in
गाँव-गाँव तक पहुँचे बैंक मित्र
एक और अहम पहलू है Business Correspondents या बैंक मित्रों की भूमिका। ये ऐसे प्रतिनिधि हैं जो गाँव और दूरदराज़ के इलाकों में लोगों को बैंकिंग सुविधाएँ पहुँचाते हैं।
उनकी मदद से किसान, मज़दूर और बुजुर्ग लोग भी आसानी से पैसे जमा कर सकते हैं, निकाल सकते हैं और मिनी स्टेटमेंट ले सकते हैं। यह सचमुच बैंकिंग को लोगों के दरवाज़े तक ले जाने जैसा है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता
Guinness World Records ने भी मान्यता दी है कि केवल एक हफ्ते में सबसे अधिक बैंक खाते खोलने का रिकॉर्ड भारत ने ही बनाया।
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सिर्फ 1 हफ्ते में 1.80 करोड़ खाते खोले गए थे।
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यह उपलब्धि दुनिया के लिए भी एक प्रेरणा बन चुकी है।
यह सम्मान न केवल भारत की सफलता को दिखाता है बल्कि यह भी साबित करता है कि बड़े सपनों को सही नीतियों और प्रयासों से हकीकत में बदला जा सकता है।
11 साल का बदलता भारत
2014 से पहले देश की बड़ी आबादी बैंकिंग व्यवस्था से बाहर थी। लेकिन आज स्थिति बिल्कुल बदल चुकी है।
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करोड़ों लोग अब mobile banking और UPI payments का इस्तेमाल कर रहे हैं।
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एटीएम और RuPay कार्ड हर घर की ज़रूरत बन चुके हैं।
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ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में वित्तीय लेन-देन आसान हो गया है।
यह कहना गलत नहीं होगा कि PM Jan Dhan Yojana ने भारत में वित्तीय लोकतंत्र की नई नींव रखी है।

PM Jan Dhan Yojana ने पिछले 11 सालों में भारत की आर्थिक तस्वीर बदल दी है। यह केवल एक योजना नहीं, बल्कि सामाजिक क्रांति है जिसने गरीबों को सम्मान, सुरक्षा और अवसर दिए। आज जब 56 करोड़ से अधिक लोग इस योजना से जुड़े हैं, तब यह कहना गलत नहीं होगा कि यह भारत के वित्तीय इतिहास की सबसे बड़ी सफलता है। आने वाले समय में इसका विस्तार और गहरा होगा और हर भारतीय को वित्तीय सशक्तिकरण का हिस्सा बनने का मौका मिलेगा।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जागरूकता और सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित है। किसी भी योजना या सुविधा का लाभ लेने से पहले आधिकारिक सरकारी वेबसाइट या बैंक से जानकारी अवश्य प्राप्त करें।
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